परिचय
भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में गरीब वर्ग को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) एक ऐसी ही महत्त्वपूर्ण योजना है, जिसकी शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान देश के सबसे कमजोर वर्गों को राहत देने के लिए की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सहारा देना और उन्हें संकट की घड़ी में आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना क्या है?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) भारत सरकार द्वारा मार्च 2020 में शुरू की गई एक व्यापक राहत योजना है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था। इस योजना के अंतर्गत गरीबों को नकद सहायता, मुफ्त राशन, उज्ज्वला लाभ, और श्रमिक कल्याण योजनाएं दी गईं।
PMGKY की शुरुआत और उद्देश्य
शुरुआत
- 24 मार्च 2020 को देश में पहली बार लॉकडाउन की घोषणा के बाद, 26 मार्च 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस योजना की घोषणा की गई।
- इसका मूल उद्देश्य 80 करोड़ से अधिक गरीबों को तात्कालिक राहत प्रदान करना था।
मुख्य उद्देश्य
- गरीब और कमजोर वर्ग को संकट की स्थिति में भोजन और धन की सुविधा देना
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सशक्त करना
- अर्थव्यवस्था के निचले स्तर पर रहने वाले लोगों को सशक्त बनाना
- श्रमिकों, किसानों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को राहत पहुंचाना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के मुख्य घटक
PMGKY एक बहुआयामी योजना है, जो विभिन्न वर्गों के लिए विशेष प्रावधान लेकर आई। इसके प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:
1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
उद्देश्य:
गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना।
मुख्य विशेषताएं:
- 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं/चावल और 1 किलोग्राम दाल मुफ्त में दिया गया।
- यह लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को मिला।
- योजना को कई बार बढ़ाया गया, जिसमें दिसंबर 2022 तक मुफ्त राशन का प्रावधान जारी रहा।
2. जनधन महिला खाताधारकों को नकद सहायता
लाभार्थी:
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत पंजीकृत महिला खाताधारक।
लाभ:
हर खाताधारक महिला को ₹500 प्रति माह की दर से 3 माह तक की नकद सहायता।
3. उज्ज्वला योजना लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर
लाभार्थी:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड महिलाएं।
लाभ:
3 माह तक मुफ्त गैस सिलेंडर की सुविधा।
4. किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अग्रिम किस्त
लाभार्थी:
PM-KISAN योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसान।
लाभ:
₹2,000 की अग्रिम किस्त सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर।
5. वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजन को सहायता
लाभ:
वृद्ध, विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को ₹1000 की दो किस्तों में नकद सहायता।
6. मनरेगा मजदूरी में वृद्धि
लाभार्थी:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के अंतर्गत मजदूर।
लाभ:
मनरेगा की दैनिक मजदूरी दर ₹182 से बढ़ाकर ₹202 की गई, जिससे हर मजदूर को सालाना ₹2000 का अतिरिक्त लाभ मिला।
7. EPF योगदान में सरकारी सहायता
लाभार्थी:
EPF खाताधारक एवं 100 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां।
लाभ:
सरकार ने 24% (12% + 12%) EPF योगदान को 3 माह तक वहन किया।
8. निर्माण श्रमिकों और स्वयं सहायता समूहों को सहायता
- राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए कि वे निर्माण श्रमिकों के लिए बनाए गए निर्माण कल्याण कोष से सीधे नकद सहायता प्रदान करें।
- महिला स्वयं सहायता समूहों की ऋण सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख किया गया।
PMGKY के तहत खर्च और लाभार्थी आंकड़े
- कुल पैकेज की राशि: ₹1.70 लाख करोड़
- लाभार्थी: लगभग 80 करोड़ से अधिक लोग
- 100% DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचाई गई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभ
1. तात्कालिक राहत
योजना ने लॉकडाउन जैसे अभूतपूर्व संकट के समय में गरीबों को भोजन और नकद सहायता प्रदान कर उन्हें जिंदा रहने का सहारा दिया।
2. भूखमरी और कुपोषण में कमी
मुफ्त राशन वितरण ने भूखमरी और कुपोषण की संभावनाओं को काफी हद तक रोका।
3. महिलाओं की आर्थिक मदद
जनधन महिला खातों में नकद स्थानांतरण ने घरेलू वित्तीय संकट को कम करने में सहायता की।
4. डिजिटल भारत को बल
सभी लेन-देन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से हुआ, जिससे पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी आई।
PMGKY की चुनौतियाँ
1. लाभार्थियों की पहचान में समस्या
कई बार पात्र लाभार्थियों तक योजना की जानकारी या लाभ समय पर नहीं पहुंच पाया।
2. तकनीकी समस्याएँ
राशन वितरण में POS मशीनों और आधार प्रमाणीकरण में तकनीकी बाधाएं आईं।
3. माइग्रेंट वर्कर्स का संकट
योजना के शुरुआती चरण में प्रवासी मजदूरों को पर्याप्त सहायता नहीं मिल पाई।
4. वितरण में राज्य सरकारों की असमान भागीदारी
कई राज्यों में योजनाओं के क्रियान्वयन में धीमी गति और समन्वय की कमी देखी गई।
PMGKY और आत्मनिर्भर भारत अभियान
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज का आधार तैयार किया। इसके अंतर्गत रोजगार, MSME, कृषि सुधार, और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक सुधारों की शुरुआत हुई।
भविष्य की दिशा
- योजनाओं का स्थायी रूप देना ताकि गरीबों को निरंतर सहायता मिलती रहे।
- एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म बनाना ताकि सभी लाभार्थियों की सही जानकारी उपलब्ध हो।
- प्रवासी मजदूरों और असंगठित श्रमिकों के लिए विशिष्ट योजनाएं बनाना।
- डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और स्वास्थ्य योजनाओं को गरीबों के बीच प्राथमिकता देना।
महत्वपूर्ण कीवर्ड्स (Keywords):
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
- PMGKY योजना क्या है
- मुफ्त राशन योजना
- जनधन महिला सहायता
- उज्ज्वला मुफ्त गैस सिलेंडर
- कोविड राहत योजना भारत
- गरीब सहायता पैकेज
- पीएम किसान योजना लाभ
- मनरेगा मजदूरी वृद्धि
- DBT योजना भारत सरकार
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना न केवल कोविड-19 जैसे संकट में देश के कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षा कवच बनी, बल्कि इसने भारत की कल्याणकारी नीति प्रणाली को और अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह योजना दर्शाती है कि जब सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति और नवाचार के साथ काम करती है, तब वह देश के सबसे अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचा सकती है।