वन नेशन वन राशन कार्ड योजना: हर नागरिक को हर जगह राशन का अधिकार


परिचय

भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) वर्षों से कार्यरत है, लेकिन इससे जुड़े अनेक समस्याएं जैसे राशन कार्ड की सीमित वैधता, प्रवासी मजदूरों को राशन न मिल पाना, और राज्य-स्तरीय बाधाएं सामने आती रही हैं। इन्हीं समस्याओं का समाधान है वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card – ONORC) योजना।

यह योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी और क्रांतिकारी पहल है जिसका उद्देश्य देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एकीकृत और पारदर्शी बनाना है।


वन नेशन वन राशन कार्ड योजना क्या है?

वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना का आशय है कि भारत का कोई भी लाभार्थी, चाहे वह किसी भी राज्य का निवासी हो, देश के किसी भी हिस्से से अपने राशन कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है।

यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आने वाले लाभार्थियों को इंटर-स्टेट पोर्टेबिलिटी (Inter-State Portability) की सुविधा देती है।


योजना की शुरुआत और विकास

शुरुआत कब हुई?

  • इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2019 में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात में की गई थी।
  • 1 अगस्त 2020 से भारत के अधिकांश राज्यों को इस योजना में शामिल कर लिया गया।

लक्ष्य और उद्देश्य

  • 80 करोड़ से अधिक NFSA लाभार्थियों को देश के किसी भी कोने से राशन प्राप्त करने की सुविधा देना।
  • प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, और अन्य कामगारों को उनके कार्यस्थल के निकट राशन प्रदान करना।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना।

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी?

1. प्रवासी मजदूरों की समस्या

देश में लाखों प्रवासी मजदूर हैं जो रोजगार के लिए अपने गृह राज्य से दूर काम करते हैं। पारंपरिक राशन कार्ड प्रणाली में वे अपने गृह राज्य में ही राशन ले सकते थे, जिससे वे दूसरे राज्यों में खाद्य सुरक्षा से वंचित रह जाते थे।

2. राशन वितरण में पारदर्शिता की कमी

बिचौलियों की भूमिका और डुप्लिकेट कार्डों के कारण पीडीएस प्रणाली में व्यापक भ्रष्टाचार था।

3. डिजिटल और एकीकृत प्रणाली की आवश्यकता

राशन वितरण की प्रक्रिया में डिजिटल हस्तक्षेप और तकनीकी सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।


योजना की कार्यप्रणाली

1. राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी

ONORC योजना के अंतर्गत, राशन कार्ड को आधार से लिंक किया गया है और इसे एकीकृत PDS पोर्टल के माध्यम से देश के किसी भी पीडीएस दुकान (FPS) पर सत्यापित किया जा सकता है।

2. आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण

  • लाभार्थी को केवल अपने अंगूठे या आंख की स्कैनिंग करानी होती है।
  • यह प्रक्रिया ई-पॉस मशीन (e-PoS) के माध्यम से होती है।

3. राशन वितरण की ट्रैकिंग

  • केंद्र सरकार द्वारा विकसित IM-PDS पोर्टल और Annavitran Portal के माध्यम से प्रत्येक ट्रांजैक्शन की निगरानी होती है।

योजना के प्रमुख लाभ

1. पूरे देश में राशन की सुविधा

किसी भी राज्य का नागरिक, चाहे वह कहीं भी हो, अपने हिस्से का राशन उसी कीमत और मात्रा में प्राप्त कर सकता है।

2. प्रवासी मजदूरों को राहत

ONORC योजना ने प्रवासी कामगारों और मजदूरों को राशन के अधिकार से जोड़ा है, जिससे उन्हें किसी भी स्थान पर भूखे रहने की नौबत नहीं आती।

3. भ्रष्टाचार में कमी

डुप्लिकेट राशन कार्ड और बोगस लाभार्थियों की पहचान कर भ्रष्टाचार को रोका गया है

4. डिजिटल भारत की दिशा में कदम

यह योजना डिजिटल और पारदर्शी भारत के निर्माण में योगदान दे रही है, जहां तकनीक के माध्यम से सरकारी लाभ सीधे आम नागरिकों तक पहुंच रहे हैं।


योजना के तहत कौन-कौन से लाभार्थी आते हैं?

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्र परिवार
  • अंत्योदय अन्न योजना (AAY) कार्डधारी
  • प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारक (Priority Households – PHH)
  • गरीब, प्रवासी, असंगठित श्रमिक, सड़क विक्रेता, निर्माण श्रमिक आदि

ONORC योजना में शामिल राज्य

ONORC योजना में अब तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हो चुके हैं। इससे भारत की लगभग पूरी जनसंख्या को इसका लाभ मिलने लगा है।


योजना से संबंधित तकनीकी पहल

1. राष्ट्रीय राशन पोर्टल

  • www.annavitran.nic.in और www.impds.nic.in पोर्टलों पर राशन वितरण और पोर्टेबिलिटी के आंकड़े उपलब्ध हैं।

2. Mera Ration App

  • यह ऐप प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वे नजदीकी राशन दुकान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

3. आधार सीडिंग और मोबाइल OTP

  • लाभार्थियों का आधार और मोबाइल नंबर राशन कार्ड से जोड़ा गया है, जिससे ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण की सुविधा भी मिलती है।

योजना की चुनौतियाँ

1. आधार प्रमाणीकरण में समस्या

ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी या बायोमेट्रिक मिलान में गड़बड़ी से राशन वितरण में बाधा आती है।

2. तकनीकी जागरूकता की कमी

सभी लाभार्थियों को डिजिटल प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती, जिससे कुछ लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं।

3. FPS डीलरों की भागीदारी

कुछ डीलर लाभार्थियों को दूर जाने के लिए हतोत्साहित करते हैं जिससे पोर्टेबिलिटी सुविधा का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता।


ONORC योजना और कोविड-19 महामारी

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के समय इस योजना ने प्रवासी श्रमिकों को राहत पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लाखों मजदूर जो अपने गृह राज्य से दूर थे, उन्हें इस योजना के माध्यम से मुफ्त राशन प्राप्त हुआ।


भविष्य की दिशा

1. पूरी तरह से डिजिटल पीडीएस प्रणाली

सभी FPS दुकानों को ई-पॉस मशीन और नेटवर्क सुविधा से लैस कर राशन वितरण को पूरी तरह डिजिटल बनाना।

2. योजना के प्रचार-प्रसार को बढ़ाना

TV, रेडियो, सोशल मीडिया और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को योजना की जानकारी देना

3. राशन कार्ड में परिवार के हर सदस्य की जानकारी

बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सही जानकारी दर्ज कर पात्रता और वितरण में सुधार लाना।


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निष्कर्ष

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना भारत की खाद्य सुरक्षा नीति में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह योजना केवल राशन वितरण की प्रणाली नहीं है, बल्कि यह देश के हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह न केवल प्रवासी मजदूरों को राहत देती है, बल्कि पूरे देश में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करती है।

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