परिचय
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर करती है। लंबे समय से किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेचने के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना करते आ रहे हैं। ऐसे में किसानों को एक पारदर्शी और समान अवसर देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) योजना की शुरुआत की। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो किसानों को अपनी फसल को देशभर की मंडियों में ऑनलाइन बेचने की सुविधा देता है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) योजना क्या है?
e-NAM का पूर्ण रूप है Electronic National Agriculture Market (इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार)। यह एक ऑनलाइन व्यापार मंच है जिसे भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 2016 में शुरू किया गया। इस योजना का उद्देश्य देशभर की कृषि मंडियों को एकीकृत कर एक ही डिजिटल नेटवर्क पर लाना है जिससे किसान अपनी उपज को बिना बिचौलियों के सीधे बेच सकें।
e-NAM योजना की विशेषताएं
एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण
e-NAM मंडियों को जोड़कर एक ऐसा एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाता है, जहां किसान, व्यापारी और खरीददार आपस में संपर्क कर सकते हैं।
पारदर्शी व्यापार प्रणाली
यह प्लेटफॉर्म नीलामी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाता है जिससे फसल का उचित मूल्य किसान को मिल सके।
मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल की सुविधा
e-NAM के लिए एक मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल उपलब्ध है, जिससे किसान कहीं से भी अपनी फसल की जानकारी डाल सकते हैं और नीलामी में भाग ले सकते हैं।
मंडियों का डिजिटलीकरण
योजना के अंतर्गत राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों में बुनियादी ढांचे का डिजिटलीकरण किया गया है, जैसे:
- इलेक्ट्रॉनिक तराजू
- कंप्यूटर सिस्टम
- इंटरनेट कनेक्शन
- डिस्प्ले स्क्रीन आदि।
e-NAM योजना का उद्देश्य
- किसानों को उचित मूल्य दिलाना
- बिचौलियों की भूमिका को कम करना
- कृषि विपणन प्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाना
- राज्य मंडियों को जोड़ना और उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाना
- देशभर के व्यापारियों और खरीदारों को एक ही मंच पर उपलब्ध कराना
e-NAM योजना का कार्यप्रणाली
किसान पंजीकरण प्रक्रिया
- किसान को e-NAM पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
- आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड आदि अपलोड किए जाते हैं।
- पंजीकरण के बाद किसान अपनी उपज की जानकारी डाल सकता है।
नीलामी प्रक्रिया
- किसान अपनी फसल का विवरण (प्रकार, मात्रा, गुणवत्ता) अपलोड करता है।
- व्यापारी/खरीदार बोली लगाते हैं।
- सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को फसल मिलती है।
- भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर होता है।
e-NAM पोर्टल के लाभ
किसानों के लिए लाभ
- उचित मूल्य: किसान अपनी फसल को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन: पैसा सीधे बैंक खाते में आता है।
- बाजार की पहुंच: किसान देशभर के व्यापारियों तक पहुंच बना सकते हैं।
- भाषा की सुविधा: पोर्टल कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
व्यापारियों के लिए लाभ
- कई मंडियों से उत्पादों की जानकारी मिलती है।
- गुणवत्ता के अनुसार चयन करने का विकल्प मिलता है।
- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और रिकॉर्डेड होती है।
e-NAM योजना में शामिल राज्यों की जानकारी
2025 तक, e-NAM में 1000+ एपीएमसी मंडियां शामिल की जा चुकी हैं और सभी 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश इस योजना से जुड़ चुके हैं। प्रमुख राज्य जैसे:
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक
- गुजरात
- पंजाब
- हरियाणा आदि।
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ
- डिजिटल साक्षरता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को तकनीक की समझ नहीं है।
- इंटरनेट कनेक्टिविटी: कई मंडियों और गाँवों में इंटरनेट की गति धीमी है।
- प्रशिक्षण की आवश्यकता: किसानों को प्लेटफॉर्म के उपयोग के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
समाधान
- सरकार द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
- मोबाइल ऐप को सरल और यूज़र फ्रेंडली बनाया गया है।
- कई निजी कंपनियाँ और NGOs मिलकर किसानों को डिजिटल शिक्षा प्रदान कर रही हैं।
भविष्य की दिशा
e-NAM को भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ बनाई हैं:
फसल विश्लेषण और गुणवत्ता जाँच
अब फसल की गुणवत्ता की जांच के लिए QCT (Quality Check Terminal) लगाए जा रहे हैं, जिससे व्यापारी को स्पष्ट जानकारी मिले।
कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स से जोड़ना
फसल को संग्रहित करने और एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने की व्यवस्था को भी e-NAM से जोड़ने का लक्ष्य है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ाव
भविष्य में इस प्लेटफॉर्म को एक्सपोर्ट मार्केट से भी जोड़ने की योजना है ताकि किसान वैश्विक स्तर पर भी व्यापार कर सकें।
e-NAM मोबाइल ऐप की जानकारी
- ऐप का नाम: eNAM India
- उपलब्ध प्लेटफॉर्म: Android और iOS
- मुख्य सुविधाएँ:
- लाइव बोली की जानकारी
- बाजार मूल्य का अलर्ट
- पंजीकरण की सुविधा
- खरीददार से सीधा संपर्क
महत्वपूर्ण आंकड़े (2025 तक)
- कुल पंजीकृत किसान: 2.5 करोड़+
- कुल व्यापार किए गए मूल्य: ₹2 लाख करोड़+
- डिजिटल भुगतान का अनुपात: 85%+
- कुल पंजीकृत व्यापारिक मंडियां: 1000+
निष्कर्ष
राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) योजना भारतीय कृषि व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह योजना किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पारदर्शी और लाभकारी बाजार उपलब्ध कराती है। इस योजना के माध्यम से कृषक-समाज को सशक्त बनाना, बिचौलियों की भूमिका को सीमित करना, और देशव्यापी व्यापार का विस्तार करना संभव हो सका है।